पाई, संजय ढुल
दो दिन के अंतराल के बाद सोमवार को पाई क्षेत्र के गांव रमाणा में ग्रामीणों को दुबारा से तेंदुयें जैसे जानवार को देखा जाने से आसपास के आध दर्जनों गांव में भय का महौल बना हुआ है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर आरोप भी लगाया कि उनकी जिंदगी राम भरोसे है, क्योंकि जिला प्रशासन उनके बारे में कुछ नही सोच रहा है, जबकि वाइल्डलाइफ विभाग ने इन आरोपों को नकारा है। सोमवार को सुबह लगभग पांच बजे रमाणा के खेतों में कुछ लोगों को एक जानवर छोटे बच्चे के साथ दिखाई दिया। जिसकी सुचना गांव में दी गई। गांव में इसको लेकर सुबह के समय मुनादी भी करवाई गई कि यदि कोई ग्रामीण खेत में घूमने जाये तो सर्तक होकर डंडे, लाठी के साथ जाये। ग्रामीण प्रदीप, मोहन, संदीप, महेंद्र, राहुल आदि ने बताया कि रमाणा गांव, हजवाना के पास पड़ता है। दो दिन पूर्व ही गांव हजवाना में भी तेंदुये जैसा जानवार बच्चे समेत दिखाई दिया था, उस समय वाइल्डलाइफ विभाग अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में तेंदुयां आ नही सकता, इतना जरूर है कि जंगली बिल्ली बताया था। उन्होंने बताया कि आज यह जानवर रमाणा के खेतों में दिखाई दिया। इसके पग मार्ग खेतों के साथ- साथ पास पड़े मिट्टी के ढेर पर भी दिखाई दिये गये और निशान बच्चे के साथ बड़े जानवर के भी है। जिस पर ग्रामीणों ने आज फिर से वाइल्डलाइफ विभाग व 112 पर डायल कर सुचना दी। वाइल्डलाइफ विभाग की ओर से इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ पहुंच कर मौके मुआवना किया। 112 टीम भी मौके पर पहुंची। वाइल्डलाइफ इंस्पेक्टर देवेंद्र ने बताया कि यह जंगली बिल्ली या जंगली कुत्ता भी हो सकता है। यह कह कर वे चले गये। जिससे ग्रामीण भयभीत है कि यदि किसी ग्रामीण को कुछ हो गया कि तो कौन जिम्मेवार होगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन के अधिकारी ठाल मठौल कर रहे है। ग्रामीणों को रात बरात अपनी धान की फसल की सिंचाई करनी पड़ती है और यह जानवर कभी भी उन पर आक्रमण कर सकता है। उन्होंने आसपास के सभी खेतों में जिला प्रशासन से छानबीन करने की मांग की है।
एक अधिकारी की लगाई गई ड्य्टी- देवेंद्र
इस बारे में जब वाइल्डलाइफ के इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया कि तेंदूआ आदि नही हो सकता। यह कोई जंगली कुत्ता या बिल्ली हो सकते है। पग मार्ग पर लम्बे नाखुन भी मिले है, जो कुत्ते के भी हो सकते है। फिर भी इस पर ध्यान रखने के लिये उन्होंने अपने एक अधिकारी रणवीर की ड्यूटी भी लगाई है।