कैथल,
कैथल की नई अनाज मंडी का इस समय बुरा हाल बना हुआ है, प्रशासनिक अधिकारी कुंभ करणी नींद सोये पड़े है। यदि जल्दी ही इस ओर ध्यान नही दिया गया तो किसानों को अपनी फसल मिट्टी व गहरे खड्ड़ों में डालनी पड़ेगी और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेंगा।
मंडी के आढ़ती राजेंद्र, विजय, अशोक, मुकेश, राम रतन, रामकुमार आदि ने बताया कि मंडी में कुछ समय पूर्व सीवर बिछाने के लिये खुदाई का कार्य शुरू हुआ था, जो कछुये की गती से चल रहा है। कई बार तो यह कार्य बंद भी पड़ा रहा। स्थिति यह बन गई है कि मंडी के अंदर सभी जगह से सडक़ों पर मिट्टी पड़ी हुई है और थोडी सी बरसात में मंडी तालाब का रूप ले लेती है। उन्होंने बताया कि खुदाई के समय सीवर डालने के साथ- साथ मिट्टी को उठा कर उखाड़ी गई सडक़ का भराव करके सडक़ को नही बनाया गया। मंडी में इस समय धान का सीजन शुरू हो चुका है। मंडी के अंदर इस समय लगभग पांच- सात हजार बोरी धान की आवक जारी है और यदि बरसात न हुई तो जल्दी ही मंडी किसानों की धान से भर जायेगी। मंड़ी में फीड पर किसानों की धान डालने के लिये ट्रालियों को उखाड़ी हुई जगह से गुजरना पड़ेगा और ऐसी हालत में ट्रालियां मंडी में धंस जायेगी। उन्होंने बताया कि इतना ही नही लदान के समय ट्रक भी इसमें धंसेंगे। मंडी में जहां पर मिट्टी पड़ी हुई है वहां जंगली घास भी उग गई है। इतना ही नही जब मंडी घान से भर जायेगी तो जगह की कमी को देखते हुये किसानों को अपनी फसल मिट्टी में ही डालनी पड़ेंगी। उन्होंने बताया कि कई बार इस बारे में कमेटी सचिव बसाउ राम को भी अवबत करवाया जा चुका है, परन्तु वही ढ़ाक के तीन पात। उन्होंने बताया कि प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी के द्वारा भी मंडी की कोई सुध नही ली गई। सभी किसानों, आढ़तियों को राम भरोसे छोडक़र वे कुभंकरणी नींद में सो गये है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्दी ही सप्ताह के अंदर मंडी की स्थिति को सुधारा जाये।
जल्दी ही सडक़ का कार्य होगा पुरा- सचिव
इस बारे में जब मार्केट कमेटी सचिव बसाउ राम से जाना गया तो उन्होंने बताया कि विभाग केएक्सईएन व एस डी ओ को कहा हुआ है और जल्दी ही यह समस्या दुर हो जायेगी।
कई बार मिल चुके है अधिकारियों से- मंडी प्रधान
इस बारे में मंडी प्रधान रामकुमार ने बताया कि वे इस बारे में कमेटी सचिव, केएक्सईएन व एस डी ओ से कई बार मिल चुके है और इस समस्या से अवगत करवा चुके है।