आन लाईन पोर्टल के तहत गलत परिवार पहचान पत्र ने छीन लिया दो परिवरों का सहारा। काम न आई सी एम विंड़ों व सरकारी समाधान शिविर।यदि ये शिविर व सी एम विंडों काम के नही तो बंद होने चाहिये।

आन लाईन पोर्टल के तहत गलत परिवार पहचान पत्र ने छीन लिया दो परिवरों का सहारा। काम न आई सी एम विंड़ों व सरकारी समाधान शिविर।
यदि ये शिविर व सी एम विंडों काम के नही तो बंद होने चाहिये।
कैथल, कृष्ण गर्ग
लोगों की सुविधा के लिये प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई आन लाईन पोर्टल प्रणाली ने ही दो मनरेगा मजदूर परिवारों के बुटापे का एक मात्र सहारा छीन लिया गया। इस परिवार के काम न तो प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई सी एम विडंा़े आई और न ही हर दिन दो घंटे चलाये गये समाधान शिविर। ग्रमाीणों का कहना है कि जब ये सी एम विड़ों व समाधान किसी के काम के नही, फिर इनको चलाकर सरकार समय व पैसा क्यों बर्बाद कर रही है, इससे अच्छा तो इन सब झमेलों को तुरंत बंद किया जाना चाहिये।


पाई के गरीब परिवार के मालिक बलवीर सिंह ने बताया कि उनका छोटा सा तीन व्यक्तियों का छोटा सा परिवार था। जिसमें वह, उसकी पत्नी जसवीर तथा उसका पुत्र गुरमीत शामिल था। तीनों की ही परिवार पहचान पत्र नम्बर 4 एच एम पी 4651 है। जिसमें पहले उनके परिवार की वार्षिक आय 25 से 50 हजार तक अंकित थी। उनके पास कृर्षि की लगभग एक दबडी यानि एक एकड़ के चौथे भाग से भी एक जमीन है, परन्तु बिना पानी के लिये वह भी उनके लिये बेकार है। दूसरा परिवार उसके भाई रमेश, राजेशा व उनकी मां जुनी का है। उसके दोनों भाई की शादी नही हुई है और वह परिवार भी उसके पुत्र गुरमीत पर ही निर्भर था। उनका परिवार केवल मनरेगा मजदूरी पर निर्भर था। लगभग डेढ़ साल पूर्व सितम्बर 2023 में बिजली विभाग के द्वारा उनके परिवार पहचान पत्र में किसी दुसरे का मीटर जोड़ दिया गया और इससे परिवार पहचान पत्र में उनकी आय ढ़ाई लाख बन गई। काफी भाग दौर करने के बावजूद उस समय उन्होंने किसी तरह अपना परिवार पहचान पत्र टीक करवाया। परिवार पहचान पत्र के ठीक होने के कुछ दिनों बाद किसी ने उनके इस परिवार पहचान पत्र में कलाशों तथा भावना का नाम जोड़ दिया गया। जब वे इन दोनों नामों को कटवाने के लिये भाग दौड़ कर रहे थे तो ये नाम काटने की बजाये उनके परिवार पहचान पत्र में एक अन्य व्यक्ति अजीत पुत्र रतना और जोड दिया गया तथा उनके परिवार की आय भी इससे बढ़ कर दस लाख से भी अधिक हो गई। जिससे उनका बीपीएल राशान कार्ड कट गया और अन्य मिलने वाली सुविधायें भी बंद हो गई। उन्होंने बताया कि इतना ही नही उनका परिवार जरनल होते हुये भी केवल तीनों में अकेले मेरे का एससी दिखाया गया।


उन्होंने बताया कि उसका पुत्र गुरमीत मेरे व मेरे अन्य दो भाई यानि दो परिवारों का एक मात्र सहारा था। उसने पढ़ाई में भी रूचि दिखाई और एक ए अंग्रेजी में पास किया हुआ था। कई बार सरकारी व प्राईवेट नौकरियों के लिये आवेदन किया और इंटरव्यु भी दिये। उन्होंने बताया कि उसके पुत्र ने हरियाणा कौशल के लिये भी आवेदन किया था और उसमें नम्बर भी पड़ गया था, परंतु परिवार पहचान पत्र में आय ज्यादा होने के कारण उसका नाम नौकरी से हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि उसने अपना परिवार पहचान पत्र ठीक करवाने के लिये सी एम विंड़ों, कुरुक्षेत्र सी एम कार्यालय, सरकार द्वारा कैथल व पूंडरी में सरकार द्वारा चलाये गये समाधान शिविरों में थके काये, परन्तु कहीं से भी कोई समाधान नही किया। परिवार पहचान पत्र में गलत अधिक आय होने से नौकरी न लगने तथा परिवार पहचान पत्र ठीक न होने के कारण उसका पुत्र गुरमीत टेंशन में रहने लग गया था। इसी टेंशन के कारण गत 11 फरवरी 2025 को रात को सोये हुये उसके दिमाग की नस फट जाने से मौत हो गई। इस उन तीनों गरीब भाई का एकमात्र सहारा इस आनलाईन पोर्टल छीन लिया। इसके बाद भी उसके परिवार पहचान पत्र को ठीक नही किया जा रहा। उन्होंने बताया कि अब 27 फरवरी को उन्होंने इसके लिये हल्का विधायक को भी दरखास दी है। उन्होंने व अन्य ग्रामीणों ने सरकार से अपील भी की है कि जब सी एम विंड़ों व उमाधान शिविरों से कोई समाधान नही होता तो इनको चलाकर समय व पैसे कयों बर्बाद किये जा रहे, इनको तुरंत बंद कर देना चाहिये। उन्होंने उन दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है, जिन्होंने इस परिवार पहचान पत्र को गलत किया है।

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